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लोकसभा चुनाव 2024 : रायपुर लोकसभा सीट का इतिहास,तीन दशक से है बीजेपी का गढ़

रायपुर लोक सभा सीट एक हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट है, राज्य की राजधानी रायपुर सबसे बड़ा शहर है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को हरा कर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक विकास उपाध्याय को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है। साल 2019 में हुए आम चुनाव में बीजेपी के सुनील सोनी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दुबे को हराया था। 1996 से लगातार सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। रायपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत बलौदा बाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर, उत्तर रायपुर, दक्षिण रायपुर, रायपुर ग्रामीण, अभनपुर, और आरंग, विधानसभा क्षेत्र शामिल है।

रायपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

रायपुर लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। देश में जब पहली बार चुनाव हुआ, तब अविभाजित मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 7 सीट थी। 1952 और 1957 में चुनाव में रायपुर संसदीय क्षेत्र में से दो-दो लोकसभा सदस्य चुने गए थे। यह सीट शुरुवात में कांग्रेस का गढ़ था। 1991 से अब तक इस सीट में 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें आठ बार कांग्रेस की जीत हुई है। इसके बाद 1989 में बीजेपी के रमेश बैस ने स्वतंत्रता सेनानी रहे केयूर भूषण को हराया था। 1991 में विद्या चरण शुक्ला इस सीट से लोकसभा सदस्य बने।1996 में बीजेपी के रमेश बैस ने श्याम चरण शुक्ला को हराया फिर इसके बाद से रायपुर सीट बीजेपी का गढ़ बन गया, तब से लगातार रमेश बैस लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करते रहे हैं। तब से लगातार बीजेपी का ही कब्जा है।

रायपुर लोकसभा से 6 बार सांसद रहे रमेश बैस

रमेश बैस 1996 से 2014 तक लगातार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। बैंस लगातार 23 साल तक इस लोकसभा से सांसद रहे। 6 बार सांसद रहे रमेश बैस वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल है। पहले वे बैस झारखंड और त्रिपुरा के राज्यपाल थे। रायपुर लोकसभा सीट एक समय में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था पर इस लोकसभा सीट पर लगातार 1996 से लेकर 2019 तक बीजेपी का कब्ज़ा है, ऐसे में यह हाई प्रोफाइल सीट कांग्रेस के लिए एक चुनौती है।

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