हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति’ के संस्थापक सदस्य आलोक शुक्ला को इस साल का ‘गोल्डमैन पुरस्कार 2024′ से सम्मानित किया गया ।
गोल्डमैन पुरस्कार से सम्मानित आलोक शुक्ला
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य आलोक शुक्ला को इस साल का गोल्डमेन पुरस्कार दिया गया है। आलोक शुक्ला छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल को बचाने के लिए लंबे समय से कार्यरत हैं। हसदेव जंगलों कोयला खदानों के खिलाफ पिछले एक दशक से भी अधिक समय से संघर्ष कर रहें है। उनके इस अभियान के फल स्वरुप छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित 21 कोयला खदानों में से 4.45 लाख एकड़ जंगलों को बचाया जा सका है।
गोल्डमैन पुरस्कार
गोल्डमैन एनवायरमेंटल फाउंडेशन द्वारा हर साल दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार दुनिया भर के उन कार्यकर्ताओं को दिया जाता है, जो जमीनी स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए कार्य करते हैं। इस पुरस्कार को “ग्रीन नोबेल” कहा जाता है। इस साल यह पुरस्कार कुल 7 लोगों को दिया गया है। जिसमें आलोक शुक्ला अकेले इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले एशियाई व्यक्ति हैं, एवं ग्रीन नोबेल अवार्ड पाने वाले छत्तीसगढ़ के दूसरे व्यक्ति हैं।
हसदेव जंगल
छत्तीसगढ़ का हसदेव जंगल भारत के सबसे बड़े वन क्षेत्र में से एक है जिसे मध्य भारत के फेफड़े के रूप में भी जाना जाता है 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ, यह जंगल जैव विविधताओं से समृद्ध है एवम भारत देश का अनमोल खजाना है। हसदेव के मूल निवासियों के लिए यह जंगल वरदान से कम नहीं है, आदिवासियों का कहना है, कि इस जंगल के विनाश से न सिर्फ उनके जल जंगल जमीन का नुकसान होगा बल्कि मानव जाति को भी बड़ी क्षति होगी।