छत्तीसगढ़ की राजनीति के केंद्र महासमुंद सीट से कौन मारेगा बाजी? कभी कांग्रेस का किला कहे जाने वाले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन बार से बीजेपी का कब्जा है। वर्त्तमान में यहां से चुन्नी लाल साहू सांसद हैं। इस सीट के अंतर्गत आठ विधानसभा महासमुंद, खल्लारी, बसना, सरायपाली, बिंद्रा नवागढ़, राजिम, कुरूद और धमतरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
महासंमुद सीट का चुनावी इतिहास –
जिले का गठन 1938 की अविभाजित रायपुर जिले में हुआ। आजादी के बाद 1952 से अब तक 16 बार चुनाव इस सीट में हो चुके है। जिसमें कांग्रेस 11 बार तो वहीं तिपक्षी दल 5 बार जीत हासिल करने में कामयाब रही हैं। 1977 के चुनाव में बनता पार्टी के बृजलाल वर्मा निर्वाचित हुए, तो वहीं 1983 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर जनता दल में शामिल हुए विद्याचरण शुक्ल सांसद निर्वाचित हुए । 1938 में बीजेपी के चंदलाल साहू को हराकर चंद्रशेखर साहू ने जीत हासिल किया था। 2014 के चुनाव को छोड़कर यहां किसी भी पार्टी ने चुनाव नही जीता है।
2019 चुनाव के परिणाम
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के चुन्नी लाल साहू ने कांग्रेस के धनेन्द्र साहू को 90,511 हजार वोटों से हराया था. दोनों उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था। इस चुनाव में कांग्रेस के धनेन्द्र साहू चुनाव हार गए. चुन्नी लाल को 6,16,580 तो धनेन्द्र साहू को 5,26,069 लाख वोट मिले थे।वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रूपकुमारी चौधरी को मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा है।
इस लोकसभा सीट के लिए जातिगत समीकरण के महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महासमुंद सीट पर ओबीसी वर्ग का अच्छा खासा दबदबा माना जाता है, और यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने यहां से ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को चुनावी दंगल में उतारा है।