हमर संगवारी एक ऐसा कार्यक्रम जिसमें हम कला संस्कृति से जुड़े लोगों से बातचीत करते हैं, उनके बचपन की कहानी से लेकर अपना नाम बनाने एक मुकाम हासिल करने का अनुभव साझा करते है। आज के इस एपिसोड में हम बात कर रहे है, फोक सिंगर अनुराग शर्मा से, साक्षात्कार के अंश पढ़िए।
1. आपने सबसे पहला गाना कौन सा गाया था.
Ans – मैंने सबसे स्टेज में गाना किशोर कुमार जी का गाया था, उस समय हमारें छतीसगढ़ के जो किशोर कुमार के नाम से जाने वाले गायक थे, हबी हुम्राबी जी वो उस समय मुख्य अतिथि थे, वो आश्चर्य चकित हो गये थे की ये आठवीं कक्षा का बच्चा इतना अच्छा गा रहा है.
2. स्कूल , कॉलेज की कितनी याद आती है आपकों?
Ans- हम आर्टिस्ट को सबसे ज्यादा याद स्कूल कॉलेज की आती है, मुझे तो सबसे ज्यादा स्कूल की याद आती है, क्योंकि कॉलेज तो हमने दुर्गा कॉलेज से किया है, जिसमें सिर्फ हम पेपर दिलाने जाते थे, हमें तो क्लास रूम भी कौन सा था वो भीं नहीं पता था.
3. स्कूल में गाया कोई एक ऐसा गाना जिसमें पूरा स्कूल झूम उठा था.
Ans- हां एक बार मैंने स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में “ये देश है वीर जवानों का” गाना गाया था, स्कूल के सभी स्टूडेंट इतने झूम उठे थे की स्कूल के 60 कूर्सियाँ टूट गयी थी. अगली बार जब मैं कार्यक्रम में फिर से यहीं गाना गाने वाला था तब प्रिंसिपल ने मुझे बुलाकर साफ मना कर दिया था की तुम ये गाना बस नहीं गाना.
4. आप जब गाना गाते हैं तब आपकी माँ कितनी खुश होती है.
Ans – मेरी माँ बहुत ही सरल है, वो किसी गाने के हिट होने पर अति उत्साही नहीं होती और ना ही कोई गाना अच्छा नहीं चलता तो दुखी भी नहीं होती है, वो बस इतना कह देती है की जीवन है उतार चढाव लगा रहेगा. बहुत ख़ुशी होने पर उनके आँख से आंसू आ जाता है.
5. आपने गायन से पहले और भी कई तरह के काम किये, फिर उसके बाद गायन की ओर आगे बढ़े.
Ans – जी हाँ मैंने काफी सारे और भी काम किये है गायन के साथ. क्योंकि मैं एक मीडिल क्लास फैमिली से हूँ जब भी घर परिवार के किसी भी कार्यक्रम में जाता था तो सब पूछते थे क्या करते हो, मैं कहता था मैं गायन करता हूँ, तो वो सभी कहते थे तुम्हारा शौक नहीं पूछे है काम क्या करते हो वो पूछे है. तो मैं सिर्फ लोगों को जवाब देने के लिए ये सब काम करता था.
6. आपको माँ का पूरा सपोर्ट मिला, गायन के क्षेत्र जीवन साथी का सपोर्ट मिलना कितना जरूरी है ?
Ans – जीवन साथी का सपोर्ट तो बहुत ही ज्यादा जरूरी है, और अगर आज जीवन साथी का सपोर्ट ना होता तो यह तक गायन क्षेत्र में आगे बढना काफी मुश्किल रहता. क्योंकि हम आर्टिस्ट की लाइफ जिग जैग है, कभी एकदम कोई गाना हिट हो गया कभी 2 महीने घर पर बैठना पड़ता है, तो मैंटली प्रिपेयर होना बहुत जरूरी है.
7. पुराने रायपुर को कितना याद करते हैं आप?
Ans – मैं तो बहुत ज्यादा याद करता हूँ उस रायपुर को, वो जो सायकल बोरी भरकर सारे दोस्त बोइर लेकर घर जाते थे, रोज शाम को ब्राम्हण पारा से महामाया मंदिर पैदल जाकर मंदिर के दर्शन कर आते थे. जो उस समय रायपुर में शांति रहती थी, मैं उन्हीं सब बातों को काफी ज्यादा याद करता हूँ.
इस लेख के माध्यम से आपने हमारे छत्तीसगढ़ के फोक सिंगर अनुराग शर्मा की रोचक कहानियां पढ़ी, हंसी ठिठोली के साथ मजेदार वीडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक को क्लिक कीजिए…
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