Homeइंटरव्यूहमर संगवारीसोन के नथनी वाली सिंगर कंचन जोशी के पढ़िए ये मज़ेदार कहानी

सोन के नथनी वाली सिंगर कंचन जोशी के पढ़िए ये मज़ेदार कहानी

हमर संगवारी एक ऐसा कार्यक्रम जिसमें हम कला संस्कृति से जुड़े लोगों से बातचीत करते हैं, उनके बचपन की कहानी से लेकर अपना नाम बनाने एक मुकाम हासिल करने का अनुभव साझा करते है। आज के इस एपिसोड में हम बात कर रहे है। सुप्रसिद्ध लोक गायिका कंचन जोशी से, साक्षात्कार के अंश पढ़िए।

1. आप बचपन से रायपुर में रहीं है तो आपको मॉडलिंग का ख्याल आया या नहीं ?

Ans – हां, मुझे सिंगिंग से पहले मॉडलिंग का बहुत शौक था, मैंने अपने भाई से भी कहा था कि मुझे मॉडलिंग करनी है। और मेरे दोस्तो ने भी कहा था कि तुम मॉडलिंग करो तुम्हारी बॉडी पर्सनालिटी बहुत अच्छी है, पर घर वालों ने मना कर दिया।

2. आप स्कूल टाइम में कौन-कौन सी एक्टिविटी में भाग लेती थी ?

Ans – मैं जब 2 साल दानी गर्ल्स स्कूल में थी तब वहां बहुत सी एक्टिविटी होती थी, तो मैंने स्काउट गाइड में भाग लिया था, जिसमें मैं 2 सालों में 4 से 5 कैंप किया करती थी और उसी समय से मैंने अपने आप को पहचाना।

3.  आपकी पहली एल्बम कौन सी थी?

Ans – मैंने सिंगिंग सीखना हिन्दी गानों से शुरू किया था, पर मेरी पहली एल्बम छत्तीसगढ़ी सॉन्ग “तै शादी करे बर करबे भोला” था।

4. वो गाना कौन सा था जिसमें छत्तीसगढ़ के चारों कोनो में बस कंचन जोशी का नाम था ?

Ans – “कोचई के पान” वो मेरा तीसरा एल्बम सॉन्ग था, और इसी गाने से ही मुझे लोग पहचानने लगे। ये गाना काफी चला।

5. क्या आप दिन भर घर में भी गाने गुनगुनाते या गाते रहती हे ?

Ans – हां हां मैने जब गाने की शुरुवात की थी, तब गाने का बहुत अच्छा बुखार चढ़ा था, रात के 2 बजे तक मैं गाने की प्रैक्टिस किया करती थी। घर में मेरी बड़ी बहन भी गाने की प्रैक्टिस किया करती थी, तो आधी रात को वो मुझे उठा के गाने के लिरिक्स को कौन से अंतरे में गाना है वो पूछा करती थी। घर वालें इससे बहुत ज्यादा परेशान थे, हम लोग को कहते थे तुम दोनों बहन रात को झुपते हो क्या ? तुम लोग को दौरा चढ़ता है क्या ऐसा पूछते थे।

6. जब सब तरफ नाम लोग जानने लग जाते है, आप फेमस होने लगी, तब वो फील कैसा रहता है।

Ans – एकदम नॉर्मल, मुझे तो लगता भी नहीं था कि मैं इतनी फेमस हो रहीं हूं, शायद इसका कारण ये भी हो सकता है कि अभी मैं और भी आगे जाना चाहती हूं। घर वालों को काफी ज्यादा प्राउड फील होता है, और उनके चेहरे में खुशी देख के मुझे बहुत अच्छा लगता है।

7. आपके पहले लाइव परफॉर्मेंस का  एक्सपीरियंस कैसा था?

Ans – पहला लाइव परफॉर्मेंस बहुत ही डर भरा था, क्योंकि सब मुझे कार्यक्रम करने के लिए , आगे बढ़ने के लिए धक्का देते थे , कि तू जा गा। स्कूल में सीनियर दीदी हाथ पकड़ के स्टेज में ले जाती थी, और मैं उनका हाथ एकदम जोरदार पकड़ के गाना गाती थी।

8. बचपन की सीनू कैसी थी?

Ans – एकदम शर्मीली, जितना मैं अभी बात कर रही उससे एकदम उल्टा थी। मेरी बहन बहुत शरारती थी, और मैं एकदम मासूम तो सभी का एटेंसन मुझे ही मिलता था।

9. संगीत आपके लिए क्या है ?

Ans – संगीत मेरे लिए साधना है, संगीत क्या है ये मैं शब्दों मे तो बया नहीं कर सकती हूं, लेकिन उसके बिना कुछ नहीं है, ये मैं कह सकती हूं ।

10 . रायपुर को आपने बदलते हुएं देखा है, अब रायपुर स्मार्ट सिटी बन गई है, आपको कौन सा रायपुर ज्यादा अच्छा लगा?

Ans – दोनों रायपुर अच्छा है, पर जिस रायपुर को हमने जिया है न वो अभी के बच्चे नहीं समझ सकते। क्योंकि हम वो लास्ट पीढ़ी है, जो अपने बचपन को इतना अच्छे से जिए है। हम तो बचपन में इतनी मस्ती किए है कि हम सभी भाई बहन मिलके मछली पकड़े भी जाया करते थे। मेरी बड़ी बहने वो अपने साथ नहीं रखती थीं, तो मैं मेरी उम्र के भाइयों के साथ मिलके मछली पकड़ने जाया करती थीं, एक बार मैं मछली की जगह मेंढक के बच्चे को पकड़कर ला ली थीं , घर पर काफी डांट भी पड़ी थीं।

इस लेख के माध्यम से आपने हमारे छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक गायिका कंचन जोशी की रोचक कहानियां पढ़ी, हंसी ठिठोली के साथ मजेदार वीडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक को क्लिक कीजिए… और जुड़े रहिए हमर संगवारी “रायपुर लाइव” के साथ.

खुशबू के जोहार

देखे फुल इंटरव्यू वीडियो

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments