देश में 1 जुलाई से तीन ने आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता लागू हो गए हैं।
देशभर में ने आपराधिक कानून लागू हो गए हैं , जिसमें भारतीय नई संहिता में नए अपराधों को शामिल किया गया है। जिसमें शादी का वादा कर धोखा देने के मामले में 10 साल तक की जेल, नस्ल, जाति समुदाय, लिंग के आधार पर मॉबलिंचिंग के मामले में आजीवन कारावास की सजा आदि शामिल है,आइए जानते है,इन कानूनों के लागू होने से क्या क्या बदल गया।
नए कानून लागू होने से क्या-क्या बदला
नए कानून के तहत अब सिर्फ मौत की सजा पाए गए दोषी ही दया याचिका दाखिल कर सकेंगे पहले पहले एनजीओ सिविल सोसाइटी ग्रुप भी दोषियों की ओर से दया याचिका करते थे।
7 साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक टीमों को अप्रधिक स्थलों का दौरा अनिवार्य दिया गया है।
चेन / मोबाइल स्नैचिंग और इसी तरह की शरारती गतिविधियों के लिए अलग प्रावधान।
नागरिक किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, चाहे उनका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो।
इसके अलावा फिर जांच और सनी के लिए अनिवार्य समय सीमा तय की गई है अब सुनवाई के 45 दिनों के अंदर ही फैसला देना होगा एवं शिकायत के 3 दिन के अंदर ही एफआईआर दर्ज करनी होगी।
भारत की संप्रभुता एकता और अखंडता को खतरे में लाने वाली गतिविधियों को नए अपराध की श्रेणी में लाया गया है।
इसके अलावा चोरी जैसे छोटे संगठित अपराधों चोरी जैसे छोटे संगठित अपराधों मैं 3 साल की सजा का प्रावधान है।
शादी का झूठा वादा करके सेक्स को विशेष रूप से अपराध के रूप में पेश किया गया है इसके लिए 10 साल तक की सजा सुनिश्चित की गई है।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग जैसे खोज और बरामद की, रिकॉर्डिंग सभी पूछताछ और सभी ऑनलाइन मोड में करना।
इन तीनों कानून में बदलाव का बिल 12 दिसंबर 2023 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 20 दिसंबर 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर 2023 को राज्यसभा से यह तीनों कानून पारित हुए तथा 25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने तीनों विधायकों को मंजूरी दी थी। और फिर अंत में तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू हो गए हैं।