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एम्बुलेंस की आवाज से डरने वाली लड़की कैसे बनी डॉक्टर…

हमर डॉक्टर के इस ख़ास कार्यक्रम में एम्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांशा साहू की कहानी, उन्हीं की जुबानी.

1. सूजी, सुरता और डॉ. आकांशा साहू की कहानी क्या है?

Ans- मैंने कभी डॉ बनने का नहीं सोचा था, मैं तो एम्बुलेंस की आवाज सुन के ही डर जाती थी. जब मेरे दादा जी की तबियत खराब हुई थी, डायबिटिक उनका बहुत बढ़ चुका था, जो किडनी तक पहुच चुका था. और उस समय न मैं जानकर थी और न ही मेरे घर वालें.. ये सभी घर वालों की कहानी है. तब मेरे पापा ने कहा की बेटा तू डॉक्टर बनना. मैंने पापा से कहा मैं कॉमर्स लुंगी पापा, फिर पापा ने कहा कॉमर्स नहीं बेटा बायो लेना है तुझे. जब मैंने 11वीं 12वीं पढ़ा तब मुझे लगा की जब मेरे घर में ये हालत है तो बाहर भी कितने लोग बीमारी से जूझ रहें होंगे फिर मैंने सोच लिया की अब मुझे डॉक्टर ही बनना है.

2. आप अपनी माँ से बिलकुल भी दूर नहीं रह सकते है, तो जब नीट की तैयारी के लिए कोटा जाना था तब कैसा लग रहा था?

Ans – मैं माँ से बिलकुल भी दूर नहीं रह सकती हूँ, जब मैं 11वीं 12वीं में भी थी, तब भी मैं माँ के साथ तीजा जाती थी. लेकिन जब कोटा जाने की बारी आयी तब मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था, की कैसे रहूंगी मैं वहाँ अकेले. भगवान को प्रार्थना करती थी की भगान ऐसा कुछ कर दे की मैं यहाँ ही रुक जाऊ.

3. एम्स जाने का सपना रहता है विद्यार्थियों का, तो आप अभी तैयारी कर रहे विद्याथियों को बताये की वो तैयारी कैसे करें?

Ans- तो मैं सबसे पहले बेसिक से बताउंगी, की स्टूडेंट सबसे पहले तो 11वीं में बायो सब्जेक्ट ले, 12वीं के बाद आप नीट की तैयारी करें, जिसमें आपको 12वीं में 70% लाये. MBBS के एंट्रेंस एग्जाम में आपको बायो, चेमिस्ट्री, फिजिक्स होता है, जिसमें बायो का परसेंट डबल रहता है. नीट यूजी का एग्जाम निकालने के बाद आप 5 सालों तक MBBS यूजी की पढाई करेंगे. आप एम्स से भी MBBS की पढाई कर सकते है. यूजी 5 साल के साल बाद अब बारी आती है पीजी की जिसमें आप MS या MD, इसके लिए भी एंट्रेंस एग्जाम होता है और ये 3 साल को रहता है.

4. जब आपको पहली बार इंजेक्सन लगाना था, तब डर लगा था या नहीं ?

Ans – सुई लगाने में तो डर नहीं लगा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था की मुझे डर लगेगा, पर नहीं लगा. जब मैं कॉलेज में थी तब हमें मुर्दे को डिसेक्ट करना रहता है, कॉलेज पहुंचते ही पता चल गया था की आज क्लास में ये होने वाला है, मुझे बहुत डर लगने लग गया की क्या होगा, कैसे होगा, मैं तो सबसे पीछे में छुप जाउंगी. फिर जब वहाँ गये हाथ में स्कैल्पर मिला तो वो चीज़ अपने आप हो गया डर नहीं लगा.

5. आप अपने रूटीन को कैसे मैनेज करती है?

Ans- PG रेसिडेंट डॉक्टर यानी की आपको 24 घंटे हॉस्पिटल में रहने होते है, ये लाइफ का बहुत ही इम्पोर्टेंट फेस होता है. क्योंकि इन 3 सालों में हमारी पूरी लाइफ रहती है. हमें बुखार भी हो तो दवाई खा के काम करना पड़ता है, कभी कभी तो ड्रिप चढ़ा के काम करना पड़ता है.

6. आपके फाउंडेशन का नाम हेल्थ एंड एजुकेशन है, इसका कांसेप्ट क्या था?

Ans- जीवन में दो चीज़ काफी जरूरी है, हेल्थ और एजुकेशन. हेल्थ में सिर्फ ये जरूरी नहीं की आप फिजिकली फीट हो, आपको मेंटली, सोशली, एकोनोमली भी आप फीट होने चाहिए. और एजुकेशन तो हमारे समाज हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है.

7. PCOD और PCOS क्या है, इसे आप थोड़ा समझाये.

Ans- PCOD को मैं आम भाषा में कहूँ तो अंडा जो है वो सूज जाता है, ये इसलिए होता है क्योंकि आज के समय में लोग बाहर का ज्यादा खा रहे है, गलत टाइम पर सो रहे है, उठ है इस सभी फैक्टर की वजह से PCOD की समस्या ज्यादा होती है. इसमें महिलाओं को पीरियड्स में काफी ज्यादा दिक्कत होता है.

8. आपने स्त्री रोग विशेषज्ञ बनना ही क्यों चुना?

Ans- मैं गावं में हमेशा रहीं हूँ मैंने देखा है की महिलाऐं अपनी समस्याएं ज्यादा किसी को नहीं बता पाती, हम अपने पापा और भाई तक तो ये नहीं बता पाती, इसलिए मैंने ये चुना. और दूसरा कारण ये भी है की ये डिपार्टमेंट ऐसा है की यहाँ लोग मिठाई बांटते है.

9. भाषा कितनी महत्वपूर्ण है, जब आप लोगों से मिलते है तो?

Ans – अगर मैं एक लाइन में कहूँ तो भाषा में एक अपनापन है. हॉस्पिटल में जब गाँव से लोग आते है तो अगर मैं उनसे छत्तीसगढ़िया में बात कर दूँ तो उन्हें बहुत ज्यादा अपनापन सा लगता है, वो अपनी समस्याएं और अच्छे से बता पाते हैं. इससे पेशेंट और डॉक्टर के बीच एक बॉन्ड बन पाता है जो की काफी जरूरी है.

10. आपके लिए खुशियाँ क्या है?

Ans – मेरे लिए खुशियाँ पेशेंट है, जब कोई पेशेंट बोल देता है न की मैडम आपसे मिलके अच्छा लगा तो अंदर से एक अलग ख़ुशी होती है. और मैं सरकारी अस्पताल में काम करती हूँ वहाँ वहीं लोग आते है जो अफोर्ड नहीं कर पाते है, अगर उनके पैसे से आपको 1 रुपया भीं मिल रहा है तो आप बहुत भाग्यशाली हो.

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हमर डॉक्टर आकांशा साहू 1. सूजी, सुरता और डॉ. आकांशा साहू की कहानी क्या है? Ans- मैंने कभी …



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